मधुमेह यानी शुगर आज के समय की सबसे तेजी से फैलती बीमारियों में से एक है. इसका पूरी तरह उपचार कठिन है, लेकिन इसे नियंत्रित रखना हमारे हाथ में है.
आयुर्वेद के अनुसार आहार ही औषधि है. आयुर्वेदिक आहार न केवल ब्लड शुगर को नियंत्रित करते हैं, बल्कि शरीर की ऊर्जा, पाचन और रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी सशक्त बनाते हैं.
मधुमेह रोगियों के लिए कुछ आयुर्वेदिक आहार अमृत समान माने गए हैं. इनमें पहला है करेला, जिसे प्राकृतिक इंसुलिन कहा गया है.
इसमें मौजूद चारेंटिन तत्व रक्त में शर्करा के स्तर को संतुलित रखता है. नियमित रूप से करेला जूस या सब्जी का सेवन करना अत्यंत लाभकारी होता है.
मेथी दाना भी शुगर नियंत्रण में सहायक है, क्योंकि इसमें फाइबर और अमिनो एसिड पाए जाते हैं, जो रक्त शर्करा को कम करने में मदद करते हैं.
रातभर पानी में भिगोए मेथी दानों का सुबह सेवन करने से बेहतरीन परिणाम मिलते हैं.
इसी तरह जामुन और इसके बीज प्राकृतिक एंटीडायबिटिक के रूप में कार्य करते हैं, जो ब्लड शुगर नियंत्रित करने के साथ प्यास और बार-बार पेशाब जाने की समस्या को भी कम करते हैं.
आंवला विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर है, जो अग्न्याशय की कोशिकाओं को पुनर्जीवित कर इंसुलिन स्राव को संतुलित करता है.
नीम की पत्तियां रक्त को शुद्ध करने और शुगर नियंत्रण में सहायक हैं. यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती हैं और संक्रमणों से बचाव करती हैं.
डायबिटीज़ से निजात पाने के लिए डॉक्टर या डायटीशियन से परामर्श ज़रूर कर लें. ये नुस्ख़े कुछ हद तक सहायक हो सकते हैं लेकिन दवाओं को न छोड़ें.