हमारा पेट खाना पचाने का काम करता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि खाना पचाने के लिए एसिड का शरीर में बनना जरूरी होता है.
आमतौर पर, शरीर में अम्ल का बनना हानिकारक हो सकता है, लेकिन पेट में बनने वाला अम्ल किसी जादू से कम नहीं है.
यह भोजन को तेजी से पचाने में अहम भूमिका निभाता है. हालांकि इसका संतुलन में बनना बेहद जरूरी है. क्योंकि एसिड का ज्यादा या कम मात्रा में बनना दोनों ही स्थितियाँ शरीर के लिए हानिकारक होती हैं.
पेट में बनने वाला पाचक अम्ल मुख्य रूप से हाइड्रोक्लोरिक अम्ल और पेप्सिन का मिश्रण होता है.
ये अम्ल हमारे पेट को तब तक नुकसान नहीं पहुँचाता, जब तक पेट के भीतरी हिस्से पर बनी म्यूकस लाइनिंग सुरक्षित है. लेकिन ज्यादा मसालेदार, ज्यादा खट्टा और दूषित खाना खाने से म्यूकस लाइनिंग टूट जाती है और पेट में बनने वाला अम्ल पेट को ही नुकसान पहुँचाने लगता है.
ऐसे में पेट में दर्द, जलन और अल्सर होने का खतरा रहता है. विज्ञान और आयुर्वेद में इसलिए इस बात पर जोर दिया गया है कि रात का खाना हमेशा हल्का रखना चाहिए.
वहीं पेट में बनने वाले अम्ल को संतुलित करने के बहुत सारे तरीके हैं. खाना खाने के बाद टहलने के साथ सौंफ और मिश्री का सेवन करें. ये पेट को ठंडा करती हैं.
लस्सी और अजवाइन का सेवन कर सकते हैं. ये दोनों ही पेट के अम्ल के लिए अच्छी होती हैं. ये दोनों मिलकर अम्ल को संतुलित करती हैं और पाचन में भी मदद करती हैं.
इसके अलावा धनिया का पानी, एलोवेरा जूस और नींबू पानी भी अम्ल को संतुलित करने में मदद करते हैं.
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