शारदीय नवरात्रि में अखंड ज्योत का जलाने का बहुत महत्व होता है. कई लोग इसे घर में सुख-समृद्धि के लिए जलाते हैं तो कई मां को खुश करने के लिए.
लेकिन क्या हो अगर अखंड ज्योत जलते हुए किसी कारणवश बुझ जाए तो? ऐसे में क्या करना चाहिए?
जब भी ऐसा होता है तो कई बार लोग घबरा जाते हैं और सोचने लगते हैं कि कहीं मां हमसे नाराज तो नहीं? कहीं अखंड ज्योत बुझने के बाद कुछ अनहोनी तो नहीं हो जाएगी.
ऐसी स्थिति में कभी भी घबराएं नहीं बल्कि कुछ खास नियमों का पालन करें ताकि पूजा का फल खंडित न हो.
ऐसे में सबसे पहले मां दुर्गा से नाक रगड़कर माफी मांगें और अपनी पूजा को बीच में अधूरा न छोड़ें.
ज्योत बुझने के बाद उसे फिर से जलाएं. इसके अलावा आप अनुष्ठानिक ज्योत भी पहले से ही जलाकर रख सकते हैं ताकि जब अखंड ज्योत बुझे तो इस ज्योति से उसे फिर से जलाया जा सकें.
दोबारा ज्योत जलाने के लिए आप घी या फिर सरसों के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके बाद मां के सामने खड़े होकर यह संकल्प लें कि आप इस बार ऐसा कुछ नहीं होने देंगे. इसके बाद दुर्गा चालीसा का भी पाठ कर सकते हैं.
इसके अलावा कुछ बातों का ध्यान जरूर रखें कि हमेशा अखंड ज्योत जलाने के लिए बड़े आकार का ही दीपक चुनें. बत्ती मोटी और लंबी होनी चाहिए, ताकि वो नौ दिनों तक अच्छे से जलती रहे.
अखंड ज्योत को मां की मूर्ति के दाहिनी ओर रखना बेहद ही शुभ माना जाता है. साथ ही इसे ऐसी जगह पर रखें जहां हवा सीधे न आए.
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