क्या आप सही ढंग से कर रहे हैं शिवलिंग की पूजा? पहले जल या बेलपत्र? जानिए वो नियम जो बदल सकते हैं आपके पूजन का प्रभाव!
सावन का महीना भगवान शिव की पूजा का विशेष समय है. हर चीज़ का एक नियम और क्रम होता है. अनुशासन से की गई पूजा जल्दी फल देती है.
जल का महत्व : पूजा की शुरुआत जल से की जाती है. यह शिवलिंग को शुद्ध करने का प्रतीक है. जल से शिवलिंग का अभिषेक सबसे पहले होता है.
बेलपत्र कब चढ़ाएं? : जल चढ़ाने के बाद बेलपत्र चढ़ाना चाहिए. बेलपत्र शिव जी को अत्यंत प्रिय हैं. साफ-सुथरे, तीन पत्तों वाले बेलपत्र का प्रयोग करें.
सामान्य भूल : कई लोग पहले बेलपत्र चढ़ा देते हैं. ये पूजा की शुद्धता में बाधा बन सकता है. पहले जल, फिर बेलपत्र – यही सही क्रम है.
पूजा का सही क्रम है कि आप सबसे पहले जल या गंगाजल चढ़ाएं. फिर दूध, दही, घी आदि. सबसे अंत में बेलपत्र, भस्म और फूल.
भगवान शिव की पूजा श्रद्धा और नियम से करें. सही क्रम से पूजा करने से इच्छाएं पूरी होती हैं. इस सावन शिव जी को प्रसन्न करें सही विधि से.
अगर ये जानकारी काम की लगी हो तो शेयर ज़रूर करें. हर शिवभक्त को पता होनी चाहिए ये बात! हर हर महादेव!
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