हर साल की तरह इस साल भी करवा चौथ का व्रत बहुत महत्वपूर्ण है. क्योंकि इस व्रत का सुहागिन महिलाएं बड़े ही मन से इंतजार करती हैं.
इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखकर चांद को देखकर अपना व्रत खोलती हैं.
कई महिलाएं ऐसी भी होंगी जो ये व्रत पहली बार रखेंगी. तो ऐसे में इन्हें किन बातों का ध्यान रखना होगा ताकि उनकी पूजा का फल अच्छे से मिल सके.
इस दौरान नई नवेली दुल्हनें लाल साड़ी पहनकर सोलह श्रृंगार जरूर करें. इस दिन सोलह श्रृंगार करना शुभ माना जाता है और इससे पति की आयु में वृद्धि होती है.
करवा चौथ के व्रत की शुरुआत सरगी से होती है. इसे महिलाएं अपनी सास से सुबह सूर्योदय के दौरान लेती हैं. इसमें मिठाई, सूखे मेवे, पराठे और पानी शामिल होता है.
शाम होते ही मंदिर और पूजा की थाल को अच्छी तरह सजा लें. मिट्टी का करवा, साफ पानी, मिठाई, सिंदूर अपनी थाल में रख लें. इसके के साथ करवा चौथ की पूजा के बाद कथा का पाठ जरूर करें.
इसके बाद जहां से चंद्रमा स्पष्ट दिखे वहां जाकर चलनी और जल से भरा हुआ लोटा जरूर लेकर जाएँ. इसके बाद अपने साथ दीये, रोली, चंदन और प्रसाद से भरा थाल भी रखें.
सबसे पहले चंद्रमा को चलनी के माध्यम से देखें और देखने के बाद जल का अर्घ्य देकर अपने पति की लंबी आयु के लिए प्रार्थना करें. फिर प्रसाद, मिठाई का भोग लगाएं.
इसके बाद चलनी से अपने पति का चेहरा देखें. पति को तिलक लगाकर उनकी आरती करें. उनके पैर छूकर आशीर्वाद लें. फिर उनके हाथ से पानी पीकर अपने व्रत का पारण करें. इसके बाद अपने बड़ों का आशीर्वाद जरूर लें.