राजस्थान के बंदाई गांव में लोग एक मोटरसाइकिल की पूजा करते हैं. माना जाता है कि ओम सिंह राठौड़ की दुर्घटना के बाद पुलिस ने बाइक जब्त कर ली, लेकिन बार-बार ये बुलेट दुर्घटनास्थल पर वापस लौट आती जिसके बाद लोगों ने वहीं बुलेट बाबा का मंदिर बना दिया. आज भी यहां भक्त रुककर आशीर्वाद लेते हैं.
आंध्र प्रदेश के लेपाक्षी शहर में स्थित है ऐसा शिव मंदिर जहां एक स्तंभ हवा में झूलता रहता है. 16वीं सदी में बने इस मंदिर का स्तंभ आज भी जमीन में नहीं लगता. भक्त यहां आकर लाल रंग का कपड़ा इस स्तंभ के नीचे से निकालते हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से इच्छाओं की पूर्ति होती है. आज तक इस रहस्यमयी स्तंभ की पहेली को वैज्ञानिक भी नहीं समझ पाए हैं.
लेह-कारगिल हाईवे पर स्थित है ऐसी मैग्नेटिक हिल जहां गाड़ियां खुद-ब-खुद ऊपर की तरफ चढ़ जाती हैं. विज्ञान इसे भ्रम बताता है तो लोग इसे स्वर्ग का ऐसा रास्ता मानते हैं जहां सिर्फ पवित्र आत्माएं ही जा सकती हैं.
कर्नाटक का तालकाड़ कभी 30 मंदिरों वाला एक समृद्ध शहर था लेकिन आज ये रेत में दब चुका है. कभी ये रेत से उभरता है तो कभी पूरी तरह रेत में ही दब जाता है. लोकमान्यताओं के अनुसार ये समृद्ध नगर एक श्राप के कारण रेगिस्तान में बदल गया. लेकिन वैज्ञानिक आज तक इसका सही पता नहीं लगा पाए हैं.
उत्तराखंड के हिमालयों में छिपी है एक ऐसी रहस्यमयी झील जहां बर्फीले पानी में सैकड़ों मानव कंकाल छिपे हुए हैं. ये कंकाल 9वीं शताब्दी के सैनिकों के बताए जाते हैं. लेकिन DNA रिपोर्ट में पता चला कि ये कंकाल किसी सैनिक के नहीं बल्कि तीर्थयात्रियों के थे. लेकिन इससे जुड़ी कई बातें आज तक विज्ञान के लिए रहस्य बनी हुई हैं.
महाराष्ट्र का शनि शिंगणापुर गांव बिना दरवाजों वाला है. यहां सब कुछ खुला रहता है. माना जाता है कि इस जगह की रक्षा खुद शनि देव करते हैं. वैज्ञानिक भी इसे आस्था का केंद्र मानते हैं.
राजस्थान के थार मरुस्थल में जमीन पर इतने बड़े छिद्र हैं कि इन्हें बोहा ज्योग्लिफ्स कहा जाता है. कई विशेषज्ञ इसे खगोलीय घटना मानते हैं तो कोई इसे प्राचीन धार्मिक आस्था का केंद्र मानता है.
भारत के ओडिशा में स्थित है जगन्नाथ मंदिर जहां गुंबद दिन के किसी भी समय अपनी छाया नहीं बनाता है. विज्ञान के लिए ये एक रहस्य बना हुआ है और लोगों के लिए आस्था का केंद्र.
असम में मौजूद कामाख्या देवी मंदिर मां सती के 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है. कहा जाता है यहां मां सती की योनि गिरी थी, जो आज भी हर साल कुछ दिनों के लिए लाल रंग की हो जाती है. हालांकि वैज्ञानिक इसके बारे में पता लगा रहे हैं लेकिन उनके लिए भी ये एक रहस्य बना हुआ है.
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