भारत के महान संतों में शुमार नीम करौली बाबा का जीवन प्रेम सेवा और ईश्वर के प्रति गहरी भक्ति का प्रतीक था.
नीम करौली बाबा को हनुमान जी का अवतार माना जाता है, कहते है की उन्हें 17 साल की उम्र में ही ज्ञान की प्राप्ति हो गई थी.
लोगों का मानना है कि जब जीवन की परेशानियां आप पर हावी हो जाती हैं, तब नीम करौली बाबा की शिक्षा आपके अंदर एक पॉजिटिव एनर्जी और कॉन्फिडेंस भर देती है.
नीम करौली बाबा का मानना था की अगर कुछ बातों को अपने जीवन में जगह दे दी जाए तो भक्त हनुमान जी के और करीब जा सकता है और उनकी कृपा प्राप्त कर सकता है.
हनुमान चालीसा का पाठ करें- बाबा कहते हैं कि सच्चे मन से पाठ करने वाले भक्तों पर हनुमान जी की कृपा सदैव बनी रहती है, भक्तों के दुख हर जाते हैं और जीवन में बल, बुद्धि, विद्या और विजय की प्राप्ति होती है.
पूजा-अर्चना करें- बाबा के अनुसार सच्चे मन से पूजा करने वाले भक्तों का मन शांत होता है और बजरंगबली प्रसन्न होते है जिससे सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है
अच्छे विचार रखें- बाबा का कहना था कि मानव को अच्छे विचार रखने चाहिएं, सबसे प्यार से बात करनी चाहिएं. हनुमान जी ऐसे कोमल हृदय वाले व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूरी करते हैं.
लोगों की मदद करें- नीम करौली बाबा ने हमेशा सेवा और दान पर जोर दिया. क्योकिं मददगार लोगों के जीवन में धन की कमी नहीं होती. जरूरतमंदों की मदद करना हनुमान जी की सच्ची भक्ति है.