फर्जी कॉल और मैसेज का बढ़ता खतरा - फर्जी कॉल और मैसेज के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. पिछले साल TRAI ने नई पॉलिसी लागू की, जिससे ऐसे कॉल और मैसेज नेटवर्क स्तर पर ब्लॉक किए जाते हैं.
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AI से हो रही धोखाधड़ी की रोकथाम- कई टेलीकॉम कंपनियां अब AI तकनीक का उपयोग कर रही हैं. हर महीने लाखों फर्जी कॉल्स को एयरटेल जैसे ऑपरेटर ब्लॉक करते हैं.
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साइबर अपराधी नई तकनीक अपना रहे हैं- सरकार की सतर्कता के बावजूद, साइबर अपराधी नई चालाकी से लोगों को ठगने की कोशिश में लगे हैं. अब वे VoIP कॉल्स का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे उनकी पहचान छिपाना आसान हो जाता है.
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VoIP कॉल्स से जुड़ा बड़ा खतरा - VoIP कॉल्स अक्सर +697 या +698 से शुरू होती हैं.NBTC के अनुसार, इन कॉल्स को ट्रैक करना बेहद मुश्किल है, इसलिए अपराधी इन्हें प्राथमिकता देते हैं.
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VPN का भी कर रहे हैं इस्तेमाल - साइबर ठग VPN का भी इस्तेमाल करते हैं ताकि उनकी असली पहचान छुपी रहे. अगर अंतरराष्ट्रीय नंबर से कॉल आए, खासकर +697 या +698 से शुरू, तो उसे नज़रअंदाज करें.
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स्कैम कॉल्स से बचाव के टिप्स - गलती से कॉल रिसीव कर लिया हो तो अपनी पर्सनल जानकारी कभी शेयर न करें.कॉलर को कहें कि आप खुद कॉल बैक करेंगे और वैध नंबर मांगें.
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‘चक्षु’ पोर्टल पर रिपोर्ट करें - सरकार ने ‘चक्षु’ पोर्टल लॉन्च किया है ताकि आप फर्जी कॉल्स और मैसेज की शिकायत कर सकें. यह पोर्टल और मोबाइल ऐप दोनों उपलब्ध हैं, जहाँ आसानी से रिपोर्ट कर सकते हैं.
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सुरक्षित रहने का तरीका - सावधानी ही सबसे बड़ी सुरक्षा है. फर्जी कॉल्स से बचें, पहचान छुपाने वालों से सतर्क रहें और धोखाधड़ी की शिकायत करें.
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