- ‘जीरो ओनो’ ने अपना पूरा जीवन एक चीज में महारत हासिल करने के लिए समर्पित कर दिया. वो थी सुशी. शोहरत के लिए नहीं… पैसे के लिए नहीं… बल्कि अपने हुनर ​​को निखारने के लिए और लोगों के प्यार के लिए…
99 वर्ष की उम्र में भी वह उसी जुनून, उसी प्रेरणा और उसी मिशन के साथ 5 बजे उठते हैं - हर कृति को पिछली कृति से बेहतर बनाना. उनका मानना है कि परफेक्शन कोई मंजिल नहीं है. यह जीवन भर की खोज है.
जीरो 7 साल की उम्र में अपना घर छोड़कर एक रेस्टोरेंट में काम करने लगे. 10 साल की उम्र में सुशी बनाने की शुरुआत की और कभी नहीं रूकें. आज उन्हें सुशी बनाते 89 साल हो गए. लेकिन आज भी उनमें वही जुनून दिखता है.
जीरो मात्र 10 सीटों वाला एक रेस्टोरेंट चलाते हैं, जिसे ‘सुकियाबाशी जीरो’ के नाम से लोग जानते हैं. ये टोक्यो सब स्टेशन में स्थित हैं. यहां ग्राहक मात्र शेफ पर भरोसे के साथ आते हैं. जिन्होंने यहां के सुशी का जायका चख लिया वो खुद को यहां बार-बार आने से रोक नहीं पाते.
2007 में ‘सुकियाबाशी जीरो’ विश्व का पहला रेस्टोरेंट बना जिसे 3 Michelin Stars मिले. 2011 में जीरो ओनो की कहानी एक डॉक्यूमेंट्री के जरिए सभी के सामने आई और नेटफ्लिक्स प्रकाशित हुई, इसका नाम था ‘Jiro Dreams of Sushi’ जिसे दर्शकों का ढेर सारा प्यार मिला.
एक बार की बात है जब एक अरबपति को जीरो के रेस्टोरेंट में बस इसलिए जगह नहीं मिली क्योंकि उसने रिजर्वेशन नहीं कराया था. यहां तक की तत्कालिक अमेरिकी राष्ट्रपति को भी यहां का जायका चखने का मौका सिर्फ इसलिए मिला क्योंकि जापानी पीएम ने खुद उनके लिए यहां पर टेबल बुल किया था.
आधुनिकतावाद के इस दौर में आज भी जीरो ने अपने रेस्टोरेंट को मात्र 10 सीटों का रखा है, जिसमें कोई टेक्नोलॉजी नहीं है, इंस्टाग्राम पेज नहीं है. यहां बस कौशल, जुनून और जीरो की सुशी बनाने के प्रति श्रद्धा है.
जीरो सिर्फ शेफ को ही प्रशिक्षित नहीं करतें बल्कि वो धैर्य का प्रशिक्षण देते हैं. प्रशिक्षु 10 साल चावल बनाने में बिताते हैं, 5 साल मछली को दबाना और 50 मिनट तक ऑक्टोपस की मालिश करना भी सीखते हैं. यहां सीखने वाले शेफ के लिए कोई शॉर्टकट नहीं, सिर्फ समर्पण की आवश्यकता है.
आज इस वर्ल्ड क्लास शेफ के रेस्टोरेंट ‘सुकियाबाशी जीरो’ के पास Michelin Stars नहीं है क्योंकि अब उसे बुक करना काफी महंगा हो गया है. लेकिन 1965 में खोला गया ये रेस्टोरेंट आज भी जापानियों की पहली पसंद है. यहां ओनो लगभग 20 कोर्स का टेस्टिंग मेन्यू परोसते हैं, जिसकी कुल कीमत 30,000 जापानी येन है.
इस पूरी जर्नी और अपनी सफलता के बारे में जीरो ओनो कहते हैं कि आपको एक बिलियन डॉलर आईडिया की जरूरत नहीं है, आपको जरूरत है जुनून, अनुशासन और अपने काम पर गर्व करने की.
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