खराब जीवनशैली का सबसे ज्यादा असर बालों पर देखने के लिए मिलता है. कम उम्र से ही बाल झड़ने, गंजेपन या बालों के सफेद होने की समस्या होने लगती है.
लेकिन आयुर्वेद में एक ऐसी औषधि है, जिसके इस्तेमाल से बालों का झड़ना और सफेद होना रोका जा सकता है. तो चलिए इस औषधि के बारे में विस्तार से जानते हैं…
गुणों से भरपूर कपूर कचरी बालों के लिए किसी औषधि की तरह काम करती है और बालों से जुड़ी हर समस्या से निजात दिलाती है. कपूर कचरी का वैज्ञानिक नाम हेडिचियम स्पाइकेटियम है और आयुर्वेद में इस जड़ी बूटी को बालों और स्किन के लिए बहुत फायदेमंद माना गया है.
आमतौर पर कपूर कचरी हिमालयी क्षेत्रों में पाई जाती है और सदियों से इसका इस्तेमाल बालों को मजबूत बनाने के लिए किया जा रहा है. कपूर कचरी में एंटीसेप्टिक गुण और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो बालों की ग्रोथ में सहायक होते हैं.
कपूर कचरी का इस्तेमाल त्वचा पर होने वाले संक्रमण में भी किया जाता है. कपूर कचरी की अपनी खूशबू भी होती है, जो बहुत मनमोहक होती है.
बाल अगर बहुत झड़ रहे हैं, बालों में रूसी की दिक्कत है या बाल सफेद हो रहे हैं, ऐसे में बाजार से साबुत कपूर कचरी या इसका पाउडर ला सकते हैं.
साबुत कपूर कचरी को सुखाकर उसका पाउडर बनाकर रख सकते हैं. सबसे पहले इसे पानी के साथ मिलाकर पेस्ट बना लें और बालों के जड़ों में हल्की मसाज करें.
20 मिनट लगा रहने दें और फिर धो लें. इससे बालों की जड़े मजबूत होंगी और बालों में रूखापन नहीं आएगा. पानी के अलावा इसका इस्तेमाल एलोवेरा, शहद या ग्लिसरीन के साथ भी किया जा सकता है.
कपूर कचरी में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, जो स्कैल्प पर मौजूद बैक्टीरिया को खत्म करते हैं और स्कैल्प में रक्त के संचार को बढ़ाते हैं. रक्त संचार बढ़ने से बालों की ग्रोथ अच्छी रहती है और जो नन्हे बाल स्कैल्प से निकल नहीं पाते, उन्हें भी मजबूती मिलती है.
अगर आपके दोमुंहे या बहुत रूखे बाल हैं, तो कपूर कचरी के पाउडर को नारियल के दूध के साथ मिलाकर पेस्ट बनाएं. ऐसा करने से बालों को नमी और पोषण दोनों मिलेगा. इस पेस्ट को 20 मिनट तक रखें और फिर शैम्पू से धो लें, हालांकि इस बात का ध्यान रखें कि बालों पर किसी तरह का कोई रंग न हो.
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