बॉलीवुड की हर फिल्म में एक हीरो होता है… पर कुछ कहानियों में विलेन बाज़ी मार लेता है. कभी डराकर, कभी स्टाइल में, तो कभी अपने डायलॉग से – इन विलेन ने सबका दिल जीत लिया. ये सिर्फ खलनायक नहीं थे, परदे के असली सितारे थे.
गब्बर सिंह (शोले) : “कितने आदमी थे?" गब्बर का डर, उसकी हँसी और अंदाज़ आइकोनिक बन गए. अमजद ख़ान का ये किरदार हर ज़माने में ज़िंदा रहेगा. वो विलेन था, लेकिन हर किसी का फेवरिट.
मोगैंबो (मिस्टर इंडिया) : “मोगैंबो खुश हुआ!”अमरीश पुरी का यह किरदार बच्चों तक के दिल में बस गया. उसका लुक, एक्सप्रेशन और डायलॉग आज भी ट्रेंड में हैं. बॉलीवुड विलेन का चेहरा बन गया मोगैंबो.
शाकाल (कालिया) : साइलेंस में छुपा शेर – यही था शाकाल. गोल सिर, ग्लास ऑफिस और ठंडी मुस्कान. वो कम बोलता था, लेकिन हर सीन में भारी पड़ता था. बॉलीवुड में ऐसा विलेन बहुत कम देखने को मिला.
डॉ. डैंग (कर्मा) : ““इस दुनिया में इंसाफ नाम की कोई चीज़ नहीं है!” अनुपम खेर ने इस किरदार को क्लास और क्रूरता दी. डॉ. डैंग सधा हुआ, शांत लेकिन खतरनाक मास्टरमाइंड था. उसकी मौजूदगी ही काफी थी डर पैदा करने के लिए.
रणवीर (रेस) : सैफ अली खान का स्मार्ट और स्टाइलिश विलेन अवतार. रणवीर ने हर बार कहानी को मोड़ दिया. उसका लुक ही नहीं, दिमाग भी तेज़ था. हीरो होते हुए भी वो विलेन बनकर याद रह गया.
रॉकी भाई (KGF) : “Violence… I don’t like it. I avoid.”लेकिन जब करता हूं… तो पूरा करता हूं! रॉकी हीरो नहीं था, लेकिन उससे कोई नज़र नहीं हटा सका. यश का ये किरदार विलेन होकर भी मसीहा बन गया.
कबीर (धूम) : बाइक्स, ब्रेन और बुराई – सब कुछ था कबीर में. जॉन अब्राहम का ये किरदार विलेन होते हुए भी सबका चहेता बन गया. उसने गेम खेला, और हर कदम पर आगे निकला. धूम की जान था कबीर.
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