सनातन धर्म में ज्येष्ठ के महीने में निर्जला एकादशी मनाई जाती है. यह पावन महीना जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित होता है.
सनातन धर्म में ज्येष्ठ के महीने में निर्जला एकादशी मनाई जाती है. यह पावन महीना जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित होता है.
शुक्ल पक्ष की दशमी के अगले दिन निर्जला एकादशी मनाई जाती है. अगले दिन यानी द्वादशी तिथि को पारण किया जाता है.
शुक्ल पक्ष की दशमी के अगले दिन निर्जला एकादशी मनाई जाती है. अगले दिन यानी द्वादशी तिथि को पारण किया जाता है.
वैदिक पंचांग के अनुसार निर्जला एकादशी 06 जून को देर रात 02:15 मिनट से शुरू होगी. व्रत का समापन 07 जून को सुबह 04:47 मिनट पर होगा.
वैदिक पंचांग के अनुसार निर्जला एकादशी 06 जून को देर रात 02:15 मिनट से शुरू होगी. व्रत का समापन 07 जून को सुबह 04:47 मिनट पर होगा.
यानि 07 जून को व्रत और 08 जून को व्रत का पारण किया जाएगा.
यानि 07 जून को व्रत और 08 जून को व्रत का पारण किया जाएगा.
इस व्रत से साधक को सभी एकादशी के बराबर पुण्य फल मिलता है.
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