मां-बेटी लेकिन जैसे बेस्ट फ्रेंड्स! नीना और मसाबा की कहानी सिर्फ रिश्तों की नहीं, संघर्ष और सपोर्ट की भी है...
मसाबा का जन्म – 1989 : नीना गुप्ता ने मसाबा को एक सिंगल मदर के रूप में जन्म दिया. उस समय समाज से मिली खूब आलोचना. लेकिन उन्होंने बेटी को पूरे गर्व से पाला.
बचपन में मसाबा का संघर्ष : स्कूल में नाम और पहचान को लेकर सवाल उठे. मसाबा ने एक इंटरव्यू में बताया — "मैं हमेशा अलग महसूस करती थी. नीना ने हर वक्त उसे हिम्मत दी".
मां-बेटी में भी तकरार : मसाबा ने बताया कि एक समय ऐसा भी था जब वे अपनी मां से बात नहीं करती थीं. नीना सख्त थीं, और मसाबा रिबेलियस. लेकिन प्यार कभी कम नहीं हुआ.
मसाबा की पहचान – फैशन डिज़ाइनर : कम उम्र में फैशन ब्रांड Masaba लॉन्च किया. नीना ने हर स्टेज पर उसे सपोर्ट किया. अब मसाबा खुद एक आइकन बन चुकी हैं.
Masaba Masaba’ सीरीज़ : नेटफ्लिक्स की सीरीज़ में दोनों ने खुद का किरदार निभाया. मां-बेटी के रिश्ते को रियल और रिलेटेबल तरीके से दिखाया गया. ऑडियंस को बेहद पसंद आया.
अब की बॉन्डिंग – मजबूत और प्यारी : अब नीना गुप्ता कहती हैं: “मसाबा मेरी मां जैसी हो गई है!” दोनों एक-दूसरे की सबसे बड़ी ताकत हैं. उनका रिश्ता समय के साथ और गहरा हुआ है.
नीना और मसाबा की कहानी हर मां-बेटी को इंस्पायर करती है. क्या आपके रिश्ते में भी ऐसा कुछ है?
Next: कंगना रनौत ने इन 5 ब्लॉकबस्टर फिल्मों को रिजेक्ट कर बड़ी गलती कर दी!
Read Full Story