सेकेंड हैंड कार खरीदना क्यों है समझदारी - नई कार के मुकाबले सेकेंड हैंड कार बजट फ्रेंडली होती है. कम पैसों में अच्छी कंडीशन वाली कार मिल जाती है.
बजट में बेहतरीन विकल्प- सेकेंड हैंड कारों के दाम काफी कम होते हैं. जिससे आपको EMI या लोन का टेंशन नहीं होता.
कम टैक्स और रजिस्ट्रेशन खर्च- नई कार के मुकाबले यूज्ड कार पर टैक्स भी कम लगता है. रजिस्ट्रेशन फीस और अन्य चार्जेज में भी बचत होती है.
डिप्रिसिएशन का असर कम- नई कार की कीमत खरीदते ही गिरती है.सेकेंड हैंड कार में ये घाटा काफी कम होता है.
लो मेंटेनेंस कॉस्ट ऑप्शन- थोड़ी पुरानी कारों में कम मेंटेनेंस वाला मॉडल चुन सकते है. सर्विस और स्पेयर पार्ट्स की कीमत भी कम होती है.
इंश्योरेंस प्रीमियम होता है सस्ता - सेकेंड हैंड कार पर इंश्योरेंस प्रीमियम भी कम देना होता है.इससे सालाना खर्च और भी कम हो जाता है.
सरल फाइनेंसिंग और लो लोन अमाउंट- अब यूज्ड कार पर भी लोन आसानी से मिल जाता है.कम लोन अमाउंट होने से जल्दी भुगतान संभव होता है.
पहली कार के लिए बेहतर विकल्प - नई कार खरीदने से पहले सेकेंड हैंड कार से ड्राइविंग सीखना अच्छा विकल्प है.कम रिस्क और कम नुकसान का मौका मिलता है.
स्मार्ट लोग सेकेंड हैंड कार चुनते हैं - अगर आपका बजट कम है और वैल्यू फॉर मनी चाहिए,तो सेकेंड हैंड कार एक बेहद समझदारी भरा फैसला है.
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