Advertisement

बंगाल में कांग्रेस को लगने वाला है बड़ा झटका, ममता के कट्टर विरोधी को साथ लाएगी BJP! सुवेंदु ने चल दी बड़ी चाल

बंगाल में कांग्रेस का बड़ा विकेट गिरने वाला है. बीजेपी ने ममता के कट्टर विरोधी को अपने साथ मिलाने की तैयारी कर ली है. सुवेंदु अधिकारी ने आगामी विधानसभा चुनाव से पहले बड़ी चाल चल दी है. अगर ऐसा होता है तो ये TMC के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं होगा.

Created By: केशव झा
09 Nov, 2025
( Updated: 08 Dec, 2025
12:00 AM )
बंगाल में कांग्रेस को लगने वाला है बड़ा झटका, ममता के कट्टर विरोधी को साथ लाएगी BJP! सुवेंदु ने चल दी बड़ी चाल

पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. इसको लेकर बीजेपी अभी से तैयारियों में जुट गई है. पहले से ही ममता सरकार को घेरने का एक भी मौका नहीं छोड़ने वाली भगवा पार्टी ने अपने खेमे को मजबूत करना शुरू कर दिया है. पहले कम्युनिस्टों और टीएमसी के बागी नेताओं को अपने साथ मिलाया और अब कांग्रेस को बड़ा झटका देने की तैयारी में है बीजेपी. सूत्रों के हवाले से खबर सामने आ रही है कि बीजेपी कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी को अपने पाले में मिलाने का प्लान बना रही है. इसको लेकर आलाकमान की हरी झंडी का इंतजार है.

मालूम हो कि बंगाल में पहले से बैकफुट पर चल रही कांग्रेस के लिए ये एक बड़े झटके से कम नहीं है. अधीर बंगाल कांग्रेस के उन चुनिंदा नेताओं से हैं जो ममता बनर्जी पर सीधा हमला बोलते रहे हैं. TMC और कांग्रेस के बीच गठबंधन की राह में सबसे बड़े रोड़ा रहे अधीर रंजन को लेकर ममता बनर्जी शर्त रखती रही हैं कि अगर कांग्रेस को उनसे गठबंधन रखना है तो अधीर रंजन से छुटकारा पाना होगा. हालांकि लोकसभा चुनाव के बाद और अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद से अधीर बंगाल कांग्रेस से दूरी बनाकर चल रहे हैं.

बीजेपी में आएंगे अधीर रंजन!

इसी बीच बीजेपी के नेताओं ने अधीर रंजन की तारीफ करनी शुरू कर दी है. बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी के कद्दावर नेता सुवेंदु अधिकारी ने अधीर रंजन चौधरी की प्रशंसा करते हुए उन्हें शक्तिशाली नेता करार दिया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ममता बनर्जी की घोषित मित्र है. उन्होंने आगे कहा कि कि जिस दिन कांग्रेस ने अधीर रंजन चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाया था, उसी दिन सोनिया-राहुल और मल्लिकार्जुन खरगे ने साफ कर दिया था कि उनकी पार्टी ममता के सामने घुटने टेक चुकी है यानी कि वो तृणमूल के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ेगी.

बीजेपी ने बताया अधीर रंजन को शक्तिशाली नेता!

उन्होंने आगे कहा कि अधीर रंजन चौधरी को देखें तो वो प्रियरंजन दासमुंशी, सोमेन मित्रा, गनी खान चौधरी और प्रणब मुखर्जी की तरह तृणमूल के विरुद्ध लड़ने वाले शक्तिशाली नेताओं में शुमार किए जाते हैं. उन्होंने पूछा कि अगर कांग्रेस के मन में अगर वास्तव में तृणमूल के विरुद्ध लड़ाई करने की इच्छा होती तो अधीर को पद से नहीं हटाया जाता.

बीजेपी नेताओं की तारीफ पर अधीर ने साधी चुप्पी!

हालांकि बीजेपी नेताओं की ओर से तारीफ किए जाने पर अधीर रंजन चौधरी की कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. हालांकि सुवेंदु के बयान के बाद से अधीर रंजन को लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो गया है. आपको बताएं कि अधीर को तृणमूल कांग्रेस का धुर-विरोधी नेता माना जाता है. बीते लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्षी गठबंधन INDIA का हिस्सा होने के बावजूद अधीर रंजन चौधरी ने बंगाल में ममता की पार्टी का जबरदस्त विरोध किया था.

मालूम हो कि तृणमूल कांग्रेस ने भी उन्हें बहरमपुर से हराने में एड़ी चोटी का जोर लगा दिया था. वहीं ममता ने भी उन्हें पार्टी में अलग-थलग करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी. इसी का नतीजा ये रहा कि सालों तक बहरमपुर में कांग्रेस का एक बड़ा मजबूत चेहरा रहे अधीर रंजन चौधरी को पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान ने हरा दिया था.

लोकसभा चुनाव के बाद किनारे कर दिए गए अधीर रंजन चौधरी!

लोकसभा चुनाव हारने के बाद कांग्रेस हाईकमान ने अधीर को किनारे लगा दिया और अध्यक्ष पद से हटाकर उनकी जगह शुभंकर सरकार को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी थी. हालांकि इसके बाद से ही अधीर रंजन ने चुप्पी साध रखी है और अब तक कांग्रेस आलाकमान के खिलाफ कोई भी आक्रामक रवैया नहीं अपनाया है. वहीं, अधीर भी बंगाल कांग्रेस के कार्यक्रमों और कार्यसूचियों में शामिल नहीं हो रहे हैं. ऐसे में भाजपा उन्हें अपने पाले में लाने के लिए खूब मेहनत कर रही है. 

कांग्रेस आलाकमान से रहा है अधीर रंजन चौधरी का मतभेद!

आपको बताएं कि पिछले साल जून में अधीर रंजन चौधरी ने बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष पद छोड़ दिया था. ये इस्तीफा उन्होंने ऐसे समय दिया था जब तृणमूल के साथ कांग्रेस के संबंधों के मुद्दे पर चौधरी के पार्टी आलाकमान के साथ मतभेद काफी समय से सामने आ रहे थे.

यह भी पढ़ें

मुर्शिदाबाद जिले के बहरामपुर निर्वाचन क्षेत्र से वो पार्टी के पांच बार के लोकसभा सदस्य रहे. तृणमूल कांग्रेस के कट्टर विरोधी रुख के लिए जाने जाने वाले चौधरी हमेशा सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाले वाम मोर्चे के साथ चुनावी समझौते पर अपने विचारों के बारे में मुखर रहे हैं. दरअसल, खड़गे के साथ उनके मतभेद भी लोकसभा चुनावों के बीच में सामने आए थे.

Tags

Advertisement

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
‘ना Modi रूकेंगे,ना Yogi झुकेंगे, बंगाल से भागेंगीं ममता, 2026 पर सबसे बड़ी भविष्यवाणी Mayank Sharma
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें