Advertisement

पंजाब के लोगों के लिए ऐतिहासिक दिन, CM भगवंत मान आज शाहपुर कंडी डैम प्रोजेक्ट जनता को करेंगे समर्पित

शाहपुर कंडी डैम प्रोजेक्ट पंजाब के विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है. यह न केवल राज्य की ऊर्जा और जल जरूरतों को पूरा करेगा, बल्कि कृषि, उद्योग और पर्यटन, तीनों क्षेत्रों को नई गति देगा. यह डैम पंजाब की तरक्की और आत्मनिर्भरता का प्रतीक बनकर उभरेगा.

Image Source: File Photo

आज का दिन पंजाबवासियों के लिए ऐतिहासिक है. मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान आज शाहपुर कंडी डैम प्रोजेक्ट को जनता को समर्पित करेंगे. यह डैम न केवल पंजाब के लिए, बल्कि खासकर माझा क्षेत्र के लिए जीवनरेखा साबित होगा. इससे प्रदेश की बिजली और सिंचाई दोनों जरूरतें पूरी होंगी, साथ ही हजारों लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे.

बिजली और सिंचाई की सुविधा से बढ़ेगी समृद्धि

शाहपुर कंडी डैम से जहाँ बिजली उत्पादन में भारी बढ़ोतरी होगी, वहीं खेती-किसानी के लिए सिंचाई की सुविधा भी बेहतर होगी. पंजाब जैसे कृषि प्रधान राज्य के लिए यह परियोजना वरदान साबित होगी. यह डैम लाखों घरों को रोशन करेगा और ग्रामीण इलाकों में खुशहाली लाएगा.

परियोजना की लागत और वित्तीय योगदान

इस परियोजना की कुल लागत 3394.49 करोड़ रुपये है. इसमें से 80 प्रतिशत राशि (2694.02 करोड़ रुपये) पंजाब सरकार द्वारा वहन की जा रही है, जबकि केंद्र सरकार का योगदान मात्र 20 प्रतिशत (700.45 करोड़ रुपये) है. यह दिखाता है कि पंजाब सरकार ने इस परियोजना को लेकर कितना गंभीर और प्रतिबद्ध रुख अपनाया है.  

भूमि अधिग्रहण और सिंचाई का लाभ क्षेत्र

परियोजना के लिए कुल 3171.72 एकड़ भूमि अधिग्रहित की गई है, जिसमें पंजाब की 1643.77 एकड़ और जम्मू-कश्मीर की 1527.95 एकड़ भूमि शामिल है. इस डैम से पंजाब के 5000 हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई की सुविधा मिलेगी. खासतौर पर पठानकोट, गुरदासपुर और अमृतसर जिलों के खेतों तक अब पर्याप्त पानी पहुँचेगा. वहीं पड़ोसी राज्य जम्मू-कश्मीर के 32,173 हेक्टेयर क्षेत्र को भी इसका लाभ मिलेगा.

पावर हाउस और बिजली उत्पादन की नई क्षमता

परियोजना के तहत 206 मेगावाट की क्षमता वाले दो पावर हाउस बनाए जा रहे हैं, जिनका 75 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है. पूरा कार्य मार्च 2026 तक समाप्त हो जाएगा, जिसके बाद बिजली उत्पादन शुरू हो जाएगा. पहले रंजीत सागर डैम पावर हाउस पानी की कमी के कारण अपनी पूरी क्षमता से काम नहीं कर पाता था, लेकिन शाहपुर कंडी डैम के शुरू होने से अब वह पीक समय में 600 मेगावाट बिजली उत्पादन कर पा रहा है.

पर्यटन और वॉटर स्पोर्ट्स के नए अवसर

डैम के ऊपरी हिस्से में एक विशाल झील बनाई गई है, जिसे आने वाले वर्षों में पंजाब के सबसे बड़े पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा. इसके साथ ही, यह क्षेत्र वॉटर स्पोर्ट्स और एडवेंचर टूरिज्म का नया केंद्र बनने जा रहा है. तीन नई नहरों का निर्माण कार्य भी लगभग पूरा हो चुका है, जिससे न केवल सिंचाई व्यवस्था बेहतर होगी बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी.

 

Advertisement

यह भी पढ़ें

Advertisement

LIVE
अधिक →