झारखंड की नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में हेमंत सोरेन के साथ कांग्रेस का कोई विधायक क्यों नहीं लेगा मंत्री पद की शपथ ?
झारखंड विधानसभा चुनाव अब सम्पन्न हो चुका है। झारखंड मुक्ति मोर्चा की अगुवाई वाली इंडिया गठबंधन ने NDA को बुरी तरह चुनाव में हराया है। अब झारखंड के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में हेमंत सोरेन गुरुवार को शपथ लेंगे। रांची के ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार उन्हें मुख्यमंत्री पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे।
झारखंड विधानसभा चुनाव अब सम्पन्न हो चुका है। झारखंड मुक्ति मोर्चा की अगुवाई वाली इंडिया गठबंधन ने NDA को बुरी तरह चुनाव में हराया है। अब झारखंड के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में हेमंत सोरेन गुरुवार को शपथ लेंगे। रांची के ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार उन्हें मुख्यमंत्री पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। हालाँकि इस शपथ गुरुवार को झारखंड की नई सरकार में शपथ लेने वालों में हेमंत सोरेन एकमात्र मंत्री हो सकते है। शपथ ग्रहण समरोह में शामिल होने के लिए पक्ष और विपक्ष के कई प्रमुख नेताओं को न्योता भेजा गया है।
इंडिया गठबंधन दिखाएगा ताक़त
चौथी बार राज्य की कमान संभालने के लिए हेमंत सोरेन जब राज्य की राजधानी राँची के एतिहासिक मोरहाबादी मैदान में शपथ लेंगे तो उस वक़्त INDIA ब्लॉक अपनी ताक़त केंद्र को दिखा सकता है। उम्मीद है कि शपथ ग्रहण में शामिल होने के लिए इंडिया गठबंधन के बड़े-बड़े नेता राँची पहुँचने वाले है। इनमे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में नेता विपक्षराहुल गांधी, महाराष्ट्र के दिग्गज नेता शरद पवार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, पंजाब के सीएम भगवंत मान, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू समेत कई ने बड़े नेता इस समारोह में शिरकत कर सकते है।
कांग्रेस ने नहीं सौंपी सूची
चुनाव में जीत के बाद अब सरकार गठन की प्रक्रिया शुरू हो गई गई। एक रिपोर्ट के मुताबिक़ झारखंड में इस चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी रही हेमंत सोरेन की झारखंड मुक्ति मोर्चा को उनके सहयोगी दल कांग्रेस की तरफ़ से मंत्रियों की कोई सूची नहीं प्राप्त हुई है। झारखंड के राजनीतिक सूत्रों की माने तो नई सरकार के विश्वास मत हासिल करने के बाद मंत्रीमंडल का विस्तार होगा। हेमंत सोरेन की पार्टी के पास मुख्यमंत्री पद के अलावा छह मंत्री पद रहने की उम्मीद जताई जा रही है। इसके साथ ही सहयोगी दल कांग्रेस को चार और लालू यादव की पार्टी आरजेडी को एक मंत्री पद मिलने के संकेत है। भाकपा माले के दो विधायक भी इस सरकर को अपना समर्थन बाहर से देने को तैयार बताए जा रहे है।
जोहार साथयों ,
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) November 28, 2024
आज का दिन ऐतिहासिक होगा - एक ऐसा दिन जो हमारे सामूहिक संघर्ष, प्रेम-भाईचारे की भावना और न्याय के प्रति हम झारखंडियों के प्रतिबद्धता को और मजबूत करेगा।
झारखंड की महान धरा ने हमेशा से विरोध और संघर्ष को जन्म दिया है और झामुमो - भगवान बिरसा, भगवान सिदो-कान्हू, अमर… pic.twitter.com/P2xVe7fQcg
हेमंत सोरेन ने किया भावुक पोस्ट
शपथ ग्रहण से पहले हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट के जरिए जनता का आभार व्यक्त किया और राज्य के सामाजिक न्याय, एकता और संघर्ष के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने लिखा, "आज का दिन ऐतिहासिक होगा - एक ऐसा दिन जो हमारे सामूहिक संघर्ष, प्रेम-भाईचारे की भावना और न्याय के प्रति हम झारखंडियों के प्रतिबद्धता को और मजबूत करेगा। झारखंड की महान धरा ने हमेशा से विरोध और संघर्ष को जन्म दिया है और झामुमो - भगवान बिरसा, भगवान सिदो-कान्हू, अमर शहीद तेलंगा खड़िया, फूलो- झानो, पोटो हो, शेख भिखारी समेत अनगिनत वीरों के संघर्षों से भरी उसी विरासत को समेटे हर दिन आगे बढ़ रहा है।"
उन्होंने कहा, "आज का यह दिन राजनीतिक जीत के बारे में नहीं है, आज का यह दिन हमारी सामाजिक न्याय के प्रति संघर्ष, सामाजिक एकता को प्रखर करने की हर रोज़ लड़ी जानी वाली लड़ाई को दोहराने का दिन है।आज का यह दिन यह भी बताता है कि लोकतंत्र पर बढ़ते दबाव के बीच झारखंड की महान जनता एक साथ खड़ी है। आज हर गांव, हर शहर में एक आवाज़ गूंज रहा है - अधिकार, समानता, एकता मतलब झारखंडियत की आवाज। इसमें कोई संदेह न रखें - हमारी एकता ही हमारा सबसे बड़ा हथियार है। हमें न विभाजित किया जा सकता है, न ही शांत किया जा सकता है। जब जब वे हमें पीछे धकेलते हैं, हम आगे बढ़ते हैं। जब जब वे हमें शांत करना चाहते हैं, हमारी हूल, उलगुलान, क्रांति की आवाज और प्रखर होती जाती है क्यूंकि हम झारखंडी हैं, और झारखंडी झुकते नहीं है।"
हेमंत सोरेन ने आगे कहा, "आज जब सामाजिक संरचना में गहरी दरारें पैदा हो रही हैं, तब हमें अपने पूर्वजों की उस एकता और हर झारखंडी को साथ लेकर चलने के संकल्प को पुनः दोहराना होगा।" उन्होंने राज्य के विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि "हमारी लड़ाई अटल है, अविराम है। संघर्ष जारी है और आखिरी सांस तक रहेगा।"
ग़ौरतलब है कि झारखंड की 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव के नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए गए थे। इसमें हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाले झामुमो, कांग्रेस, राजद गठबंधन को 56 सीटें हासिल हुई हैं। झामुमो को 34, कांग्रेस को 16, राजद को चार और सीपीआई एमएल को दो सीटों पर जीत मिली है। राज्य में पहली बार कोई सरकार दो तिहाई बहुमत के साथ बनने जा रही है। राज्य में प्रचंड जीत का बाद हेमंत सोरेन ने अपने विजय भाषण के दौरान बोला था कि "मैं झारखंड के लोगों का हमारे नेतृत्व पर उनके निरंतर विश्वास के लिए आभारी हूं। यह जीत लोगों की आकांक्षाओं को दर्शाती है और हम उन्हें पूरा करने की दिशा में काम करेंगे। यह लोगों की जीत है और एक शांतिपूर्ण और प्रगतिशील झारखंड के लिए उनके दृष्टिकोण की जीत है।"